आदरणीय एवं अत्यन्त प्रिय चिट्ठामित्रों
मैने अपना एक नया ब्लाग बनाया है जो केवल संस्कृत में ही रहेगा
इसकी प्रविष्टियां भी संस्कृत में ही होंगी।
किन्तु यह संस्कृत इतनी सरल होगी कि आप इसे 90फीसदी समझ पाएंगे।
पढियेगा जरूर और विश्वास कीजिये इसे पढने के बाद आपको बडी आत्मिक शान्ति का अनुभव होगा कि आपने देववाणी का वाचन किया है।
सम्पूर्ण विश्व में कहीं भी संस्कृत का सम्मान कम नहीं है न हि इसपर विरोध
अत: हम सब मिलकर भारत की आत्मा संस्कृत के उत्थान में योगदान दें इसी शुभेच्छा के साथ ब्लाग जगत पर मेरा ये नया चिटठा http://sanskrit-jeevan.blogspot.com/ आप सब को समर्पित
आपका- आनन्द
अद्भुत प्रयास। स्वागत है। बस इतनी अपेक्षा है कि धैर्य न चूके।
ردحذفswagatam, atra swagatam..
ردحذفवाह्! देववाणी के उत्थान हेतु आज वाकई में ऎसे प्रयासों की बहुत जरूरत है...आपके इस प्रयास की सफलता हेतु सच्चे दिल से शुभकामनाऎं दे रहे हैं..अब तो आना लगा रहेगा...
ردحذفआपका स्वागत है। यदि संस्कृत में शब्दों को जोड़कर लम्बा बनाकर नहीं लिखेंगे तो बहुत सुविधा रहेगी।
ردحذفघुघूती बासूती
बहुत बढ़िय प्रयास है। मैं संस्कृत सीखना चाहता हूं। कृपया यदि संभव हो तो इसे सिखाने के संबध में भी चिट्ठा लिखें।
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