होली के पावन पर्व का यूँ तो अपना अलग ही मजा है  ।  प्राय: हर गाँव हर शहर में होली की धूम देखती ही बनती है किन्‍तु फिर भी कवि 'आर्त' के गाँव ईशपुर की बात ही कुछ और है  ।
यहाँ लोगों के सिर पर होली की दीवानगी पागलपन के चरम तक होती है  ।
आपको कुछ वीडियोज दिखा रहा हूँ जिसमें कवि आर्त और आर्त संकीर्तन मंडल द्वारा इस होली पर प्रस्‍तुत फाग गायन है  ।













होली का सच्‍चा आनन्‍द तो गाँव के इन्‍ही गीतों में है  । 


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