देश के अमर सपूतों की श्रद्धांजलि में अर्पित ये काव्य सुमन मेंरे हृदय का उद्गार है।
मां भारती के प्रति इतनी अगाध श्रद्धा और इतना प्यार है कि शब्दों मे व्यक्त करने का सामर्थ्य नहीं बन पा रहा
फिर भी मन की कुछ पवित्र भावनाओं ने लेखनी की शरण ले ली और यह छोटा सा काव्य फूट पडा ।
सभी भारत प्रेमियों से अनुरोध है, इसे अवश्य पढें और अपने अमूल्य विचार टिप्पणियों के द्वारा प्रेशित करें।
।।जय हिन्द।।
आपका - आनन्द
ये भावना है मेरी या कि दिल का बहाना
मैं चाहता हर एक को सीने से लगाना ।।
मा भारती का पुत्र हूं हिन्दू न मुसलमां
मैं प्यार उनसे करता हूं जो लोग है इन्सां
अब कौन हैं इन्सान ये तय कर ले जमाना
मैं चाहता हर एक को सीने से लगाना ।।
मजहब मेरा ईमान है भगवान है भारत
समृद्ध हो ये देश अपना है यही नीयत
सोने की चिडिया हिन्द को फिर चाहूं बनाना
मैं चाहता हर एक को सीने से लगाना ।।
जिसमें हुए पैदा, सम्भाला जिसमें ये जीवन
आओ सभी इस देश को अर्पित करें तन- मन
''आनन्द'' तू इस देश की खातिर ही मर जाना ।।''आनन्द'' बस, इस देश की खातिर ही मर जाना ।।
http://vivekanand-pandey.blogspot.com/
--
ANAND
मजहब मेरा ईमान है भगवान है भारत
ردحذفसमृद्ध हो ये देश अपना है यही नीयत
सोने की चिडिया हिन्द को फिर चाहूं बनाना
मैं चाहता हर एक को सीने से लगाना ..
......Achhe vichar... deshbhakti ka jajba har ek bharatwasi ke dil mein aa jay to hamara desh phir se sone ki chhidiya ban sakta hai.....
Deshbhati ko prerit karti rachna ke liye dhanyabaad..Saath mein Haardik shubhkamnayne...
मजहब मेरा ईमान है भगवान है भारत
ردحذفसमृद्ध हो ये देश अपना है यही नीयत
सोने की चिडिया हिन्द को फिर चाहूं बनाना
मैं चाहता हर एक को सीने से लगाना ..
......Achhe vichar... deshbhakti ka jajba har ek bharatwasi ke dil mein aa jay to hamara desh phir se sone ki chhidiya ban sakta hai.....
Deshbhati ko prerit karti rachna ke liye dhanyabaad..Saath mein Haardik shubhkamnayne...
bahut hi sundar deshbhkti ki bhavna se ot-prot rachna..........shubhkamnayein.
ردحذفबहुत खूब सच में हर हिन्दुस्तानी को ये पढ़ना चाहिये
ردحذفचिठाजगत से भी जुड़िये अच्छा रहेगा
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