भारत के सबसे प्रमुख प्रदेशों में से एक है उत्तर प्रदेश
इसका महत्त्व आप इसी से जान सकते हैं की हिन्दुओं के प्रानाराध्य भगवान् श्री राम चन्द्र और
पुराण पुरुषोत्तम भगवान् श्री कृष्ण दोनों ने इसी प्रदेश की धरा पर जन्म लिया और अपनी बाल लीलाएं कीं
इसी भूमि पर गौतम बुद्ध का जन्म हुआ
इसी धरा पर चन्द्र शेखर आजाद जैसा भारत पुत्र पैदा हुआ
पर इतनी महान विभूतियों की जन्मदात्री ये धरा आज गन्दी राजनीति का शिकार हो गई है
यहाँ अब ना केवल अलग अलग धर्म के नाम पर अपितु अलग अलग जातियों के नाम पर भी सियासत हो रही है
यहाँ संसाधन के नाम पर नेताओं के वादे और प्रपत्रों में बंद आंकड़े हैं जो इतिहास में अभिलेखों की जगह लेने वाले हैं
इन्ही आंकड़ों को हमारी आने वाली पीढियां पढ़ेंगी और उत्तर प्रदेश के गौरवमय अतीत की सराहना करेंगी
यहाँ पार्कों पर कई सौ करोड़ मरम्मत में और अपनी मूर्तियाँ लगवाने पर खर्च करने को विकास बताया जाता है
कई करोड़ की माला पहनने के लिए पैसे खुद ही उग आते हैं और बिजली, पानी, सड़क, आदि की व्यवस्था के लिए पैसे ही नहीं
जनता गरीबी और भुखमरी से त्रस्त है और विधायकों की तनख्वाह बधाई जाती है
हर गाँव घर के लिए पैसा पास कराया जाता है और मिल बाँट कर खा लिया जाता है
नेताओं का जन्मदिन मनाने के लिए दायित्वों के बोझ तले दबे मनोज गुप्ताओं से फिरौती की मांग की जाती है और ना देने पर पीट पीट कर मार डाला जाता है
ग्राम प्रधान की माँ ही गाँव की सबसे गरीब औरत होती है सो उसके नाम पर वृद्धा पेंसन लिया जाता है
सड़क में गड्ढे बिलकुल नहीं मिलते क्यूंकि सड़क ही पूरी की पूरी गड्ढे में होती है
दलित नाम पर ही सौगातों की बारिश हो जाती है भले ही दलित करोडपति ही क्यूँ ना हो और
अन्य जातियां मानो कुबेर के खानदान से सम्बन्ध रखती हों की उनके बचे खुचे अधिकार भी मार लिए जाते हैं
मानो की अन्य जातियों में गरीबी होती ही नहीं है
हरिजन किसी को मारे या उसका घर फूंक दे, कोई सजा नहीं है और अन्य कोई चाहे अपनी प्राण रक्षा में ही गलती से भी उनको एक भी थप्पड़ मार दे ... लग गया हरिजन एक्ट
स्कूलों में जितने छात्र होते हैं उतने ही अध्यापक भी होते हैं
आरक्षण के बल पर देश की नीव को अनाड़ी शिक्षकों के हाथ सौंप दी जाती है
बाल श्रम उन्मूलन की बात होती है और हर ढाबे पर उनके हाथ का परोसा खाना खा के चल देते हैं
वहां ये नजर ही नहीं आता की ये बच्चे भी बाल श्रम अधिनियम में ही आते हैं
फैशन के नाम पर माँ बाप तक को अवहेलित किया जाता है
कर्मचारी अपने ऑफिस को अपनी बपोती समझता है
ग्राहक या तो चढ़ाव चढ़ाए या जरा से काम को भी १० दिन दौड़ लगाए
मित्रों जागो और उत्तर प्रदेश पर राम राज्य की पुनर्स्थापना करो
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ANAND
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