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आज आपके सम्मुख कवि आर्त के द्वारा रचित तथा उन्ही के द्वारा गीत यह लोकगीत प्रस्तुत कर रहा हूँ ।
ये गीत अयोध्या के श्रीहनुमान गढी का चित्रण करता है तथा प्राय: अयोध्या के सभी मुख्य स्थानों का इसमें बडा ही सजीव चित्रण हुआ है ।
यदि आप श्री अयोध्या जी नहीं गये हैं तो इस गीत को सुनिये, आपको अयोध्या जी के खास-खास स्थानों की जानकारी गीत के ही माध्यम से हो जायेगी ।
आवाज श्री कवि पाण्डेय जी की है ।
हारमोनियम वादन भी उन्ही के द्वारा किया गया है ।
ढोलक पर श्री स्वरूपानन्द जी ने संगत की है ।
बहुत ही मधुर गीत है , प्रेम से श्रवण कीजिये व हमें बताइये कि आपको कैसा लगा ।
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