मेरी ये रचना उन सभी के दिलों को हिलाकर रख देगी जिन्‍होने कभी किसी से प्‍यार किया होगा
और ये मेरा दावा है दोस्‍तों ।। क्‍यूँकि इसे मैंने अपने पूरे दिल से लिखा था ।
ज्‍यादा कुछ कहने से अच्‍छा आप खुद ही पढकर देख लीजिये ।।

चुप सी तनहाइयों में मत जाओ, नहीं तो मेरी याद आयेगी ।।
अपनी आँखों में आँसू मत लाओ, नहीं तो मेरी याद आयेगी ।।

वो खुशनसीब दिन जो साथ में बिताये थे
और मैने तुम्‍हारे लिये  जो भी गाये थे
गीत वो प्‍यार वाले मत गाओ, नहीं तो मेरी याद आयेगी ।।

कभी मन में मेरी यादों के कमल खिल जायें
न चाहकर भी गर ये सुर्ख होंठ सिल जायें
न रहो गम में और न इतराओ, नहीं तो मेरी याद आयेगी ।।

तुम्‍हारे नयन जब बेचैन हो पुकार उठे
लाख कोशिश पे भी गर मन में मेरा प्‍यार उठे
थाम कर दिल जरा सा मुसकाओ, नहीं तो मेरी याद आयेगी ।।


अब टिप्‍पणिया दीजिये ।।


2 टिप्पणियाँ

  1. बेहद सुन्दर भावाव्यक्ति……………प्रेम तो डूबने का नाम है जो एक बार डूबा तो फिर कब पार उतरा है।

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  2. क्या बात है सच मे प्रेम वो एहसास है जिसे शब्दों मे कह पाना नामुमकिन है

    अच्छी रचना

    जवाब देंहटाएं

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