बन्‍धुओं आज आपके सामने एक ऐसी चीज प्रस्‍तुत करने जा रहा हूँ जो अति उत्‍कृष्‍ट है और आप के दैनिक प्रयोग में आ सकेगी ।
कवि श्री अनिरूद्धमुनि पाण्‍डेय 'आर्त' कृत श्रीहनुमत् विनयकुंज नामक ये लघु काव्‍य बिलकुल हनुमान चालिसा की तरह दैनिक पूजा में प्रयोज्‍य है । फैजाबाद शहर के स्‍तर पर यह पुस्‍तक प्राय: उपलब्‍ध है किन्‍तु विषय की उपयोगिता और उत्‍तम साहित्‍य देखकर मैने इसे आप विद्वद्जनों के सामने प्रस्‍तुत करने का निर्णय लिया ।।

आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्‍वास है कि ये आपको अति प्रिय लगेगा ।


1 टिप्पणियाँ

  1. बहुत दिनों से इसे प्राप्त करने की इच्छा बनी हुयी थी. लेकिन आपके द्वारा यह मेने आज डाउनलोड कर ली है. आपका बहुत बहुत धनवाद...

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